Go To Mantra

उष॒ आ भा॑हि भा॒नुना॑ च॒न्द्रेण॑ दुहितर्दिवः । आ॒वह॑न्ती॒ भूर्य॒स्मभ्यं॒ सौभ॑गं व्यु॒च्छन्ती॒ दिवि॑ष्टिषु ॥

English Transliteration

uṣa ā bhāhi bhānunā candreṇa duhitar divaḥ | āvahantī bhūry asmabhyaṁ saubhagaṁ vyucchantī diviṣṭiṣu ||

Mantra Audio
Pad Path

उषः॑ । आ । भा॒हि॒ । भा॒नुना॑ । च॒न्द्रेण॑ । दु॒हि॒तः॒ । दि॒वः॒ । आ॒वह॑न्ती । भूरि॑ । अ॒स्मभ्य॑म् । सौभ॑गम् । वि॒उ॒च्छन्ती॑ । दिवि॑ष्टिषु॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:48» Mantra:9 | Ashtak:1» Adhyay:4» Varga:4» Mantra:4 | Mandal:1» Anuvak:9» Mantra:9


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर वह कैसी होके क्या करे, इस विषय का उपदेश अगले मंत्र में किया है।

Word-Meaning: - हे (दिवः) सूर्य्य के प्रकाश की (दुहितः) पुत्री के तुल्य कन्ये ! जैसे (उषाः) प्रकाशमान उषा (भानुना) सूर्य्य और (चन्द्रेण) चन्द्रमा से (अस्मभ्यम्) हम पुरुषार्थी लोगों के लिये (भूरि) बहुत (सौभगम्) ऐश्वर्य्य के समूहों को (आवहन्ती) सब ओर से प्राप्त कराती (दिविष्टिषु) प्रकाशित कान्तियों में (व्युच्छन्ती) निवास कराती हुई संसार को प्रकाशित करती है वैसे ही तू विद्या और शमादि से सुशोभित हो ॥९॥
Connotation: - इस मंत्र में वाचकलुप्तोपमालंकार है। जैसे विदुषी धार्मिक कन्या दोनों माता और पति के कुलों को उज्ज्वल करती है वैसे उषा दोनों स्थूल सूक्ष्म अर्थात् बड़ी छोटी वस्तुओं को प्रकाशित करती है ॥९॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

(उषः) उषाइव कमनीये (आ) समन्तात् (भाहि) (भानुना) सूर्येण (चन्द्रेण) इन्दुना (दुहितः) पुत्रीव (दिवः) प्रकाशस्य (आवहन्ती) सर्वतः सुखं प्रापयन्ती (भूरि) बहु (अस्मभ्यम्) पुरुषार्थिभ्यः (सौभगम्) शोभनानां भगानामैश्वर्य्याणामिदम् (व्युच्छन्ती) निवासं कुर्वन्ती (दिविष्टिषु) प्रकाशितासु कान्तिषु ॥९॥

Anvay:

पुनः सा कीदृशी सती किं कुर्यादित्युपदिश्यते।

Word-Meaning: - हे दिवो दुहितरिव वर्त्तमाने स्त्रि ! यथोषा भानुना चन्द्रेणाऽस्मभ्यं भूरि सौभगमावहन्ती दिविष्टिषु व्युच्छन्ती सती जगद् भाति तथा त्वं विद्याशमाभ्यामाभाहि ॥९॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालंकारः। यथा सुकन्या मातृपतिकुले उज्ज्वलयति तथोषा उभे स्थूलसूक्ष्मे वस्तुनी प्रकाशयति ॥९॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जशी विदुषी धार्मिक कन्या माता व पतीच्या दोन्ही कुळांना उज्ज्वल करते तशी उषा दोन्ही सूक्ष्म अर्थात छोट्या व मोठ्या वस्तूंना प्रकाशित करते. ॥ ९ ॥