Go To Mantra

उत्पु॒रस्ता॒त्सूर्य॑ एति वि॒श्वदृ॑ष्टो अदृष्ट॒हा। अ॒दृष्टा॒न्त्सर्वा॑ञ्ज॒म्भय॒न्त्सर्वा॑श्च यातुधा॒न्य॑: ॥

English Transliteration

ut purastāt sūrya eti viśvadṛṣṭo adṛṣṭahā | adṛṣṭān sarvāñ jambhayan sarvāś ca yātudhānyaḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

उत्। पु॒रस्ता॑त्। सूर्यः॑। ए॒ति॒। वि॒श्वऽदृ॑ष्टः। अ॒दृ॒ष्ट॒ऽहा। अ॒दृष्टा॑न्। सर्वा॑न्। ज॒म्भय॑न्। सर्वाः॑। च॒। या॒तु॒ऽधा॒न्यः॑ ॥ १.१९१.८

Rigveda » Mandal:1» Sukta:191» Mantra:8 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:15» Mantra:3 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:8


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब सूर्य के दृष्टान्त से उक्त विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे वैद्यजनो ! तुमको जैसे (सर्वान्) सब पदार्थ (अदृष्टान्) जो कि न देखे गये उनको (जम्भयन्) अङ्ग-अङ्ग के साथ दिखलाता हुआ (अदृष्टहा) जो नहीं देखा गया अन्धकार उसको विनाशनेवाला (विश्वदृष्टः) संसार में देखा (सूर्यः) सूर्यमण्डल (पुरस्तात्) पूर्व दिशा में (उदेति) उदय को प्राप्त होता है वैसे (सर्वाः) (च) (यातुधान्यः) सभी दुराचारियों को धारण करनेवाली दुर्व्यथा निवारण करनी चाहिये ॥ ८ ॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जैसे सूर्य अन्धकार को निवारण करके प्रकाश को उत्पन्न करता है, वैसे वैद्यजनों को विषहरण ओषधियों से विषों को निर्मूल करना विनाशना चाहिये ॥ ८ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ सूर्यदृष्टान्तेनोक्तविषयमाह ।

Anvay:

हे वैद्या युष्माभिर्यथा सर्वानदृष्टान् जम्भयन्निवर्त्तयददृष्टहा विश्वदृष्टः सूर्यः पुरस्तादुदेति तथा सर्वाश्च यातुधान्यो निवारणीयाः ॥ ८ ॥

Word-Meaning: - (उत्) (पुरस्तात्) (सूर्यः) (एति) (विश्वदृष्टः) विश्वेन दृष्टः (अदृष्टहा) योऽदृष्टमन्धकारं हन्ति सः (अदृष्टान्) (सर्वान्) पदार्थान् (जम्भयन्) सावयवान् दर्शयन् (सर्वाः) (च) (यातुधान्यः) यातूनि दुराचरणशीलानि दधति ताः ॥ ८ ॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। यथा सूर्यस्तमो निवर्त्य प्रकाशं जनयति तथा वैद्यैर्विषहरणौषधिभिः सर्वाणि विषाणि निर्मूलानि कार्याणि ॥ ८ ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जसा सूर्य अंधःकाराचे निवारण करून प्रकाश उत्पन्न करतो तसे वैद्यांनी विष नष्ट करणाऱ्या औषधींनी विष निर्मूलन करून नष्ट केले पाहिजे. ॥ ८ ॥