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द्यौर्व॑: पि॒ता पृ॑थि॒वी मा॒ता सोमो॒ भ्रातादि॑ति॒: स्वसा॑। अदृ॑ष्टा॒ विश्व॑दृष्टा॒स्तिष्ठ॑ते॒लय॑ता॒ सु क॑म् ॥

English Transliteration

dyaur vaḥ pitā pṛthivī mātā somo bhrātāditiḥ svasā | adṛṣṭā viśvadṛṣṭās tiṣṭhatelayatā su kam ||

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Pad Path

द्यौः। वः॒। पि॒ता। पृ॒थि॒वी। मा॒ता। सोमः॑। भ्राता॑। अदि॑तिः। स्वसा॑। अदृ॑ष्टाः। विश्व॑ऽदृष्टाः। तिष्ठ॑त। इ॒लय॑त। सु। क॒म् ॥ १.१९१.६

Rigveda » Mandal:1» Sukta:191» Mantra:6 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:15» Mantra:1 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:6


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (अदृष्टाः) दृष्टिगोचर न होनेवाले और (विश्वदृष्टाः) सबके देखे हुए विषधारियो ! जिनका (द्यौः) सूर्य के समान सन्ताप करनेवाला (वः) तुम्हारा (पिता) पिता (पृथिवी) पृथिवी के समान (माता) माता (सोमः) चन्द्रमा के समान (भ्राता) भ्राता और (अदितिः) विद्वानों की अदीन माता के समान (स्वसा) बहिन है वे तुम (सु, कम्) उत्तम सुख जैसे हो (तिष्ठत) ठहरो और अपने स्थान को (इलयत) जावो ॥ ६ ॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कार है। जो विषधारी प्राणी हैं, वे शान्त्यादि उपायों से ओर ओषध्यादिकों से विषनिवारण करने चाहियें ॥ ६ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे अदृष्टा विश्वदृष्टा येषां द्यौर्वः पिता पृथिवी माता सोमो भ्राताऽदितिः स्वसाऽस्ति ते यूयं सु कं तिष्ठत स्वस्थानमिलयत च ॥ ६ ॥

Word-Meaning: - (द्यौः) सूर्यइव (वः) युष्माकम् (पिता) (पृथिवी) अवनिरिव (माता) (सोमः) चन्द्रइव (भ्राता) (अदितिः) अदितिरदीना देवमाता । निरु० ४। २२। (स्वसा) भगिनी (अदृष्टाः) ये न दृश्यन्ते ते (विश्वदृष्टाः) विश्वैस्सर्वैर्दृष्टा ये ते (तिष्ठत) स्थिरा भवत (इलयत) गच्छत। अत्राऽन्येषामपीति दीर्घः। (सु) (कम्) सुखम् ॥ ६ ॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। ये विषधारिणो जीवास्ते संशमनाद्युपायैर्निवारणीया औषध्यादिभिर्विषास्संवारणीयाः ॥ ६ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. जे विषधारी प्राणी आहेत त्यांच्या विष शमनासाठी शांतीचे उपाय व औषधी वगैरे उपायांनी निवारण केले पाहिजे. ॥ ६ ॥