Go To Mantra

प्रति॒ त्यं चारु॑मध्व॒रं गो॑पी॒थाय॒ प्र हू॑यसे। म॒रुद्भि॑रग्न॒ आ ग॑हि॥

English Transliteration

prati tyaṁ cārum adhvaraṁ gopīthāya pra hūyase | marudbhir agna ā gahi ||

Mantra Audio
Pad Path

प्रति॑। त्यम्। चारु॑म्। अ॒ध्व॒रम्। गो॒ऽपी॒थाय॑। प्र। हू॒य॒से॒। म॒रुत्ऽभिः॑। अ॒ग्ने॒। आ। ग॒हि॒॥

Rigveda » Mandal:1» Sukta:19» Mantra:1 | Ashtak:1» Adhyay:1» Varga:36» Mantra:1 | Mandal:1» Anuvak:5» Mantra:1


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब उन्नीसवें सूक्त का आरम्भ है। उसके पहले मन्त्र में अग्नि के गुणों का उपदेश किया है-

Word-Meaning: - जो (अग्ने) भौतिक अग्नि (मरुद्भिः) विशेष पवनों के साथ (आगहि) सब प्रकार से प्राप्त होता है, वह विद्वानों की क्रियाओं से (त्यम्) उक्त (चारुम् अध्वरम् प्रति) प्रत्येक उत्तम-उत्तम यज्ञ में उनकी सिद्धि वा (गोपीथाय) अनेक प्रकार की रक्षा के लिये (प्रहूयसे) अच्छी प्रकार क्रिया में युक्त किया जाता है॥१॥
Connotation: - जो यह भौतिक अग्नि प्रसिद्ध सूर्य्य और विद्युद्रूप करके पवनों के साथ प्रदीप्त होता है, वह विद्वानों की प्रशंसनीय बुद्धि से हर एक क्रिया की सिद्धि वा सबकी रक्षा के लिये गुणों के विज्ञानपूर्वक उपदेश करना वा सुनना चाहिये॥१॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

तत्रादौ भौतिकाग्निगुणा उपदिश्यन्ते।

Anvay:

योऽग्निर्मरुद्भिः सहागहि समन्तात्प्राप्नोति स विद्वद्भिस्त्यं तं चारुमध्वरं प्रति गोपीथाय प्रहूयसे प्रकृष्टतया शब्द्यते॥१॥

Word-Meaning: - (प्रति) वीप्सायाम् (त्यम्) तम् (चारुम्) श्रेष्ठम् (अध्वरम्) यज्ञम् (गोपीथाय) पृथिवीन्द्रियादीनां रक्षणाय। निशीथगोपीथावगथाः। (उणा०२.९) अनेनायं निपातितः। (प्र) प्रकृष्टार्थे (हूयसे) अध्वरसिद्ध्यर्थं शब्द्यते। अत्र व्यत्ययः। (मरुद्भिः) वायुविशेषैः सह (अग्ने) भौतिकः (आ) समन्तात् (गहि) गच्छति। अत्र व्यत्ययो लडर्थे लोट्। बहुलं छन्दसि इति शपो लुक् च॥१॥
Connotation: - यो भौतिकोऽग्निः प्रसिद्धः विद्युद्रूपेण वायुभ्यः प्रदीप्यते सोऽयं विद्वद्भिः प्रशस्तबुद्ध्या प्रतिक्रियासिद्धिः सर्वस्य रक्षणाय तद्गुणज्ञानपुरःसरमुपदेष्टव्यः श्रोतव्यश्चेति॥१॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

अठराव्या सूक्तात सांगितलेल्या बृहस्पती इत्यादी पदार्थांबरोबर या सूक्तात ज्या अग्नी व वायूचे प्रतिपादन केलेले आहे त्यांच्या विद्येची एकता असल्यामुळे या एकोणिसाव्या सूक्ताची संगती जाणली पाहिजे.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हा भौतिक अग्नी, प्रसिद्ध सूर्य व विद्युत, वायूंबरोबर प्रदीप्त होतो तो विद्वानांच्या प्रशंसनीय बुद्धीने प्रत्येक क्रियेची सिद्धी किंवा सर्वांचे रक्षण करतो. या गुणांचा विज्ञानपूर्वक उपदेश केला व ऐकला पाहिजे. ॥ १ ॥