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भार॒तीळे॒ सर॑स्वति॒ या व॒: सर्वा॑ उपब्रु॒वे। ता न॑श्चोदयत श्रि॒ये ॥

English Transliteration

bhāratīḻe sarasvati yā vaḥ sarvā upabruve | tā naś codayata śriye ||

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Pad Path

भार॑ति। इळे॑। सर॑स्वति। याः। वः॒। सर्वाः॑। उ॒प॒ऽब्रु॒वे। ताः। नः॒। चो॒द॒य॒त॒। श्रि॒ये ॥ १.१८८.८

Rigveda » Mandal:1» Sukta:188» Mantra:8 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:9» Mantra:3 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब स्त्रीपुरुष के विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे (भारति) समस्त विद्या के धारण करनेवाली वा (इळे) हे प्रशंसावती वा (सरस्वति) हे विज्ञान और उत्तम गतिवाली ! (याः) जो (वः) तुम (सर्वाः) सभों को समीप में (उपब्रुवे) उपयोग करनेवाले वचन का उपदेश करूँ (ताः) वे तुम (नः) हम लोगों का (श्रिये) लक्ष्मी प्राप्त होने के लिये (चोदयत) प्रेरणा देओ ॥ ८ ॥
Connotation: - जो प्रशंसित सौन्दर्य उत्तम लक्षणों से युक्त देखी गई, श्रेष्ठतर शास्त्रविज्ञान में रमनेवाली कन्या हों, वे अपने पाणिग्रहण करनेवाले पतियों को पाकर धर्म से धनादि पदार्थों की उन्नति करें ॥ ८ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ स्त्रीपुरुषविषयमाह ।

Anvay:

हे भारतीळे सरस्वति या वः सर्वा अहमुपब्रुवे ता यूयं नोऽस्मान् श्रिये चोदयत प्रेरयत ॥ ८ ॥

Word-Meaning: - (भारति) सकलविद्याधारिके (इळे) प्रशस्ते (सरस्वति) प्रशस्तं सरो विज्ञानं गमनं वा विद्यते यस्यां तत्सम्बुद्धौ (याः) (वः) युष्मान् प्रति (सर्वाः) अखिला वाचः (उपब्रुवे) उपयोगि वच उपदिशेयम् (ताः) सर्वा विदुष्यः (नः) अस्मान् (चोदयत) (श्रिये) लक्ष्मीप्राप्तये ॥ ८ ॥
Connotation: - याः प्रशंसितसौन्दर्यशुभलक्षणलक्षिता अनवद्यशास्त्रविज्ञानरममाणाः कस्या भवेयुस्ता पाणिग्राहान् पतीन् प्राप्य धर्मेण धनादिपदार्थानुन्नयेयुः ॥ ८ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - ज्या प्रशंसनीय, सुंदर, उत्तम लक्षणांनी युक्त, श्रेष्ठ ज्ञान-विज्ञानात रमणाऱ्या कन्या असतील त्यांनी आपले पाणिग्रहण करणाऱ्या पतींना प्राप्त करून धर्मानुसार धन इत्यादी पदार्थांची वाढ करावी. ॥ ८ ॥