Go To Mantra

प्र॒थ॒मा हि सु॒वाच॑सा॒ होता॑रा॒ दैव्या॑ क॒वी। य॒ज्ञं नो॑ यक्षतामि॒मम् ॥

English Transliteration

prathamā hi suvācasā hotārā daivyā kavī | yajñaṁ no yakṣatām imam ||

Mantra Audio
Pad Path

प्र॒थ॒मा। हि। सु॒ऽवाच॑सा। होता॑रा। दैव्या॑। क॒वी इति॑। य॒ज्ञम्। नः॒। य॒क्ष॒ता॒म्। इ॒मम् ॥ १.१८८.७

Rigveda » Mandal:1» Sukta:188» Mantra:7 | Ashtak:2» Adhyay:5» Varga:9» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:24» Mantra:7


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे मनुष्यो ! (हि) जिस कारण (होतारा) ग्रहणकर्त्ता (दैव्या) दिव्य बोधों में कुशल (प्रथमा) प्रथम विद्या बल को बढ़ानेवाले (सुवाचसा) सुन्दर जिनका वचन (कवी) जो सकल विद्या के वेत्ता अध्यापकोपदेशक जन हैं वे (नः) हमारे (इमम्) इस प्रत्यक्षता से वर्त्तमान (यज्ञम्) धनादि पदार्थों के मेल कराने वा व्यवहार का (यज्ञताम्) सङ्ग करावें ॥ ७ ॥
Connotation: - इस संसार में जो जिनका उपकार करते हैं, वे उनको सत्कार करने योग्य होते हैं ॥ ७ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे मनुष्या हि यतो होतारा दैव्या प्रथमा सुवाचसा कवी न इमं यज्ञं यक्षताम् ॥ ७ ॥

Word-Meaning: - (प्रथमा) आदिमौ विद्याबलविस्तारकौ (हि) यतः (सुवाचसा) शोभनं वाचो वचनं ययोस्तौ (होतारा) आदातारौ (दैव्या) देवेषु दिव्येषु बोधेषु कुशलौ (कवी) सकलविद्यावेत्तारावध्यापकोपदेशकौ (यज्ञम्) धनादिसङ्गमकम् (नः) अस्माकम् (यक्षताम्) सङ्गमयताम् (इमम्) प्रत्यक्षतया वर्त्तमानम् ॥ ७ ॥
Connotation: - अत्र ये येषामुपकारं कुर्वन्ति तैस्ते सत्कर्त्तव्या भवन्ति ॥ ७ ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - या जगात जे उपकार करतात ते सत्कार करण्यायोग्य असतात. ॥ ७ ॥