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मत्सि॑ नो॒ वस्य॑इष्टय॒ इन्द्र॑मिन्दो॒ वृषा वि॑श। ऋ॒घा॒यमा॑ण इन्वसि॒ शत्रु॒मन्ति॒ न वि॑न्दसि ॥

English Transliteration

matsi no vasyaïṣṭaya indram indo vṛṣā viśa | ṛghāyamāṇa invasi śatrum anti na vindasi ||

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Pad Path

मत्सि॑। नः॒। वस्यः॑ऽइष्टये। इन्द्र॑म्। इ॒न्दो॒ इति॑। वृषा॑। आ। वि॒श॒। ऋ॒घा॒यमा॑णः। इ॒न्व॒सि॒। शत्रु॑म्। अन्ति॑। न। वि॒न्द॒सि॒ ॥ १.१७६.१

Rigveda » Mandal:1» Sukta:176» Mantra:1 | Ashtak:2» Adhyay:4» Varga:19» Mantra:1 | Mandal:1» Anuvak:23» Mantra:1


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अब एकसौ छिहत्तरवें सूक्त का आरम्भ है। उसके प्रथम मन्त्र में राजविषय में विद्यानुकूल पुरुषार्थ योग को कहते हैं ।

Word-Meaning: - हे (इन्दो) चन्द्रमा के समान शीतल शान्तस्वरूपवाले न्यायाधीश ! जो (वृषा) बलवान् (ऋघायमाणः) वृद्धि को प्राप्त होते हुए आप (नः) हमारे (वस्यइष्टये) अत्यन्त धन की सङ्गति के लिए (इन्द्रम्) परमैश्वर्य को प्राप्त होकर (मत्सि) आनन्द को प्राप्त होते हो और (शत्रुम्) शत्रु को (इन्वसि) व्याप्त होते अर्थात् उनके किये हुए दुराचार को प्रथम ही जानते हो किन्तु (अन्ति) अपने समीप (न) नहीं (विन्दसि) शत्रु पाते सो आप सेना को (आ, विश) अच्छे प्रकार प्राप्त होओ ॥ १ ॥
Connotation: - जो प्रजाजनों के चाहे हुए सुख के लिये दुष्टों की निवृत्ति कराते और सत्य आचरण को व्याप्त होते वे महान् ऐश्वर्य को प्राप्त होते हैं ॥ १ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

अथ राजविषये विद्यापुरुषार्थयोगमाह ।

Anvay:

हे इन्दो चन्द्रइव वर्त्तमानन्यायेश वृषाया ऋघायमाणस्त्वं नो वस्यइष्टये इन्द्रं प्राप्य मत्सि शत्रुमिन्वसि। अन्ति न विन्दसि स त्वं सेनामाविश ॥ १ ॥

Word-Meaning: - (मत्सि) आनन्दसि (नः) अस्माकम् (वस्यइष्टये) वसीयसोऽतिशयितस्य धनस्य सङ्गमनाय (इन्द्रम्) परमैश्वर्य्यम् (इन्दो) आर्द्रस्वभाव (वृषा) बलिष्ठः (आ) समन्तात् (विश) प्राप्नुहि (ऋघायमाणः) वर्द्धमानः। अत्र ऋधु धातोः कः प्रत्ययो वर्णव्यत्ययेन घः तत उपमानादाचार इति क्यङ्। (इन्वसि) व्याप्नोषि (शत्रुम्) (अन्ति) (न) निषेधे (विन्दसि) लभसे ॥ १ ॥
Connotation: - ये प्रजानामिष्टसुखाय दुष्टान् निवर्त्तयन्ति सत्याचारं व्याप्नुवन्ति ते महदैश्वर्य्यमाप्नुवन्ति ॥ १ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

या सूक्तात विद्या, पुरुषार्थ व योगाचे वर्णन असल्यामुळे या सूक्ताच्या अर्थाची मागच्या सूक्ताच्या अर्थाबरोबर संगती जाणली पाहिजे.

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जे प्रजेच्या इच्छित सुखासाठी दुष्टांचा नाश करतात व सत्य आचरण करतात ते महान ऐश्वर्य प्राप्त करतात. ॥ १ ॥