Go To Mantra

यद्वा॒जिनो॒ दाम॑ सं॒दान॒मर्व॑तो॒ या शी॑र्ष॒ण्या॑ रश॒ना रज्जु॑रस्य। यद्वा॑ घास्य॒ प्रभृ॑तमा॒स्ये॒३॒॑ तृणं॒ सर्वा॒ ता ते॒ अपि॑ दे॒वेष्व॑स्तु ॥

English Transliteration

yad vājino dāma saṁdānam arvato yā śīrṣaṇyā raśanā rajjur asya | yad vā ghāsya prabhṛtam āsye tṛṇaṁ sarvā tā te api deveṣv astu ||

Mantra Audio
Pad Path

यत्। वा॒जिनः॑। दाम॑। स॒म्ऽदान॑म्। अर्व॑तः। या। शी॒र्ष॒ण्या॑। र॒श॒ना। रज्जुः॑। अ॒स्य॒। यत्। वा॒। घ॒। अ॒स्य॒। प्रऽभृ॑तम्। आ॒स्ये॑। तृण॑म्। सर्वा॑। ता। ते॒। अपि॑। दे॒वेषु। अ॒स्तु॒ ॥ १.१६२.८

Rigveda » Mandal:1» Sukta:162» Mantra:8 | Ashtak:2» Adhyay:3» Varga:8» Mantra:3 | Mandal:1» Anuvak:22» Mantra:8


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे विद्वान् ! (अस्य) इस (अर्वतः) शीघ्र दूसरे स्थान को पहुँचानेवाले (वाजिनः) बलवान् घोड़ा की (यत्) जो (संदानम्) अच्छे प्रकार दी जाती (दाम) और घोड़ों को दमन करती अर्थात् उनके बल को दाबती हुई लगाम है (या) जो (शीर्षण्या) शिर में उत्तम (रशना) व्याप्त होनेवाली (रज्जुः) रस्सी है (यत् वा) अथवा जो (अस्य, घ) इसी के (आस्ये) मुख में (तृणम्) तृणवीरुध घास (प्रभृतम्) अच्छे प्रकार भरी (अस्तु) हो (ता) वे (सर्वा) समस्त (ते) तुम्हारे पदार्थ (देवेषु) विद्वानों में (अपि) भी हों ॥ ८ ॥
Connotation: - जो घोड़ों को सुशिक्षित अच्छे इन्द्रिय दमन करनेवाले उत्तम गहनों से युक्त और पुष्ट कर इनसे कार्यों को सिद्ध करते हैं, वे समस्त विजय आदि व्यवहारों को सिद्ध कर सकते हैं ॥ ८ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे विद्वन् अस्यार्वतो वाजिनो यत्सन्दानं दाम या शीर्षण्या रशना रज्जुर्यद्वास्य घास्ये तृणं प्रभृतमस्तु तत्सर्वा ते देवेष्वपि सन्तु ॥ ८ ॥

Word-Meaning: - (यत्) (वाजिनः) बलवतोऽश्वस्य (दाम) दमनसाधनम् (सन्दानम्) सम्यक् दीयते यत्तत् (अर्वतः) शीघ्रं स्थानान्तरं प्राप्नुतः (या) (शीर्षण्या) शीर्ष्णि साधुः (रशना) व्यापिका (रज्जुः) (अस्य) (यत्) (वा) पक्षान्तरे (घ) एव (अस्य) (प्रभृतम्) प्रकृष्टतया धृतम् (आस्ये) (तृणम्) (सर्वा) सर्वाणि (ता) तानि (ते) तव (अपि) (देवेषु) (अस्तु) भवतु ॥ ८ ॥
Connotation: - येऽश्वान् सुशिक्षितान् सुदमनानुत्तमाभरणान् पुष्टान् कृत्वैतैः कार्य्याणि साध्नुवन्ति ते सर्वाणि विजयादीनि साधितुं शक्नुवन्ति ॥ ८ ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - जे घोड्यांना प्रशिक्षित करून चांगल्या प्रकारे दमन करून उत्तम अलंकारांनी युक्त व पुष्ट करून त्यांच्याकडून कार्य सिद्ध करून घेतात, ते संपूर्ण विजय प्राप्त करून घेऊ शकतात. ॥ ८ ॥