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यन्नि॒र्णिजा॒ रेक्ण॑सा॒ प्रावृ॑तस्य रा॒तिं गृ॑भी॒तां मु॑ख॒तो नय॑न्ति। सुप्रा॑ङ॒जो मेम्य॑द्वि॒श्वरू॑प इन्द्रापू॒ष्णोः प्रि॒यमप्ये॑ति॒ पाथ॑: ॥

English Transliteration

yan nirṇijā rekṇasā prāvṛtasya rātiṁ gṛbhītām mukhato nayanti | suprāṅ ajo memyad viśvarūpa indrāpūṣṇoḥ priyam apy eti pāthaḥ ||

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Pad Path

यत्। निः॒ऽनिजा॑। रेक्ण॑सा। प्रावृ॑तस्य। रा॒तिम्। गृ॒भी॒ताम्। मु॒ख॒तः। नय॑न्ति। सुऽप्रा॑ङ्। अ॒जः। मेम्य॑त्। वि॒श्वऽरू॑पः। इ॒न्द्रा॒पू॒ष्णोः। प्रि॒यम्। अपि॑। ए॒ति॒। पाथः॑ ॥ १.१६२.२

Rigveda » Mandal:1» Sukta:162» Mantra:2 | Ashtak:2» Adhyay:3» Varga:7» Mantra:2 | Mandal:1» Anuvak:22» Mantra:2


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - (यत्) जो (निर्णिजा) नित्य शुद्ध (रेक्णसा) धन से (प्रावृतस्य) ढपे हुए (गृभीताम्) ग्रहण किये (रातिम्) देने को (मुखतः) मुख से (नयन्ति) प्राप्त करते अर्थात् मुख से कहते हैं और जो (मेम्यत्) अज्ञानियों में निरन्तर मारता-पीटता हुआ (विश्वरूपः) जिसके सब रूप विद्यमान (सुप्राङ्) सुन्दरता से पूछता और (अजः) नहीं उत्पन्न होता अर्थात् एक बार पूर्ण भाव से विद्या पढ़ बार-बार विद्वत्ता से नहीं उत्पन्न होता वह विद्वान् जन (इन्द्रापूष्णोः) ऐश्वर्यवान् और पुष्टिमान् प्राणियों के (प्रियम्) मनोहर (पाथः) जल को (अप्येति) निश्चय से प्राप्त होता है, वे सब सुख को प्राप्त होते हैं ॥ २ ॥
Connotation: - जो न्याय से संचित किये हुए धन से मुख्य धर्म्म सम्बन्धी काम करते हैं, वे परोपकारी होते हैं ॥ २ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

यन्निर्णिजा रेक्णसा प्रावृतस्य गृभीतां रातिं मुखतो नयन्ति। यो मेम्यद्विश्वरूपः सुप्राङजो विद्वानिन्द्रापूष्णोः प्रियं पाथोऽप्येति ते सर्वे सुखमाप्नुवन्ति ॥ २ ॥

Word-Meaning: - (यत्) ये (निर्णिजा) नित्यं शुद्धेन। निर्णिगिति रूपना०। निघं० ३। ७। (रेक्णसा) धनेन (प्रावृतस्य) आच्छादितस्य (रातिम्) दानम् (गृभीताम्) (मुखतः) (नयन्ति) (सुप्राङ्) यः सुष्ठु पृच्छति सः (अजः) न जायते यः सः (मेम्यत्) भृशं हिंसन् (विश्वरूपः) विश्वानि सर्वाणि रूपाणि यस्य सः (इन्द्रापूष्णोः) ऐश्वर्यवत्पुष्टिमतोः (प्रियम्) कमनीयम् (अपि) (एति) प्राप्नोति (पाथः) उदकम् ॥ २ ॥
Connotation: - ये न्यायोपार्जितेन धनेन मुख्यानि धर्म्याणि कार्य्याणि कुर्वन्ति ते परोपकारिणो भवन्ति ॥ २ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - जे न्यायाने संचित केलेल्या धनाने मुख्य धर्मासंबंधी काम करतात ते परोपकारी असतात. ॥ २ ॥