अ॒ग्निं दू॒तं वृ॑णीमहे॒ होता॑रं वि॒श्ववे॑दसम्। अ॒स्य य॒ज्ञस्य॑ सु॒क्रतु॑म्॥
agniṁ dūtaṁ vṛṇīmahe hotāraṁ viśvavedasam | asya yajñasya sukratum ||
अ॒ग्निम्। दू॒तम्। वृ॒णी॒म॒हे॒। होता॑रम्। वि॒श्वऽवे॑दसम्। अ॒स्य। य॒ज्ञस्य॑। सु॒ऽक्रतु॑म्॥
SWAMI DAYANAND SARSWATI
अब बारहवें सूक्त के प्रथम मन्त्र में भौतिक अग्नि के गुणों का उपदेश किया है-
SWAMI DAYANAND SARSWATI
तत्रादौ भौतिकगुणा उपदिश्यन्ते।
वयं क्रियाचिकीर्षवो मनुष्या अस्य यज्ञस्य सुक्रतुं विश्ववेदसं होतारं दूतमग्निं वृणीमहे॥१॥
MATA SAVITA JOSHI
या बाराव्या सूक्ताच्या अर्थाची अग्नी शब्दाच्या अर्थाच्या योगाने अकराव्या सूक्ताच्या अर्थाबरोबर संगती जाणली पाहिजे.