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प॒रा॒य॒ती॒नामन्वे॑ति॒ पाथ॑ आयती॒नां प्र॑थ॒मा शश्व॑तीनाम्। व्यु॒च्छन्ती॑ जी॒वमु॑दी॒रय॑न्त्यु॒षा मृ॒तं कं च॒न बो॒धय॑न्ती ॥

English Transliteration

parāyatīnām anv eti pātha āyatīnām prathamā śaśvatīnām | vyucchantī jīvam udīrayanty uṣā mṛtaṁ kaṁ cana bodhayantī ||

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Pad Path

प॒रा॒य॒ती॒नाम्। अनु॑। ए॒ति॒। पाथः॑। आ॒ऽय॒ती॒नाम्। प्र॒थ॒मा। शश्व॑तीनाम्। वि॒ऽउ॒च्छन्ती॑। जी॒वम्। उ॒त्ऽई॒रय॑न्ती। उ॒षाः। मृ॒तम्। कम्। च॒न। बो॒धय॑न्ती ॥ १.११३.८

Rigveda » Mandal:1» Sukta:113» Mantra:8 | Ashtak:1» Adhyay:8» Varga:2» Mantra:3 | Mandal:1» Anuvak:16» Mantra:8


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SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे उत्तम सौभाग्य बढ़ानेहारी स्त्री ! जैसे यह (उषाः) प्रभात वेला (शश्वतीनाम्) प्रवाहरूप से अनादिस्वरूप (परायतीनाम्) पूर्व व्यतीत हुई प्रभात वेलाओं के पीछे (आयतीनाम्) आनेवाली वेलाओं में (प्रथमा) पहिली (व्युच्छन्ती) अन्धकार का विनाश करती और (जीवम्) जीव को (उदीरयन्ती) कामों में प्रवृत्त कराती हुई (कम्) किसी (चन) (मृतम्) मृतक के समान सोए हुए जन को (बोधयन्ती) जगाती हुई (पाथः) आकाश मार्ग को (अन्वेति) अनुकूलता से जाती-आती है, वैसे ही तू पतिव्रता हो ॥ ८ ॥
Connotation: - इस मन्त्र में वाचकलुप्तोपमालङ्कर है। सौभाग्य की इच्छा करनेवाली स्त्रीजन उषा के तुल्य भूत, भविष्यत्, वर्त्तमान समयों में हुई उत्तम शील पतिव्रता स्त्रियों के सनातन वेदोक्त धर्म का आश्रय कर अपने-अपने पति को सुखी करती और उत्तम शोभावाली होती हुई सन्तानों को उत्पन्न कर और सब ओर से पालन करके उन्हें सत्य विद्या और उत्तम शिक्षाओं का बोध कराती हुई सदा आनन्द को प्राप्त करावें ॥ ८ ॥
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SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ।

Anvay:

हे सुभगे यथेयमुषाः शश्वतीनां परायतीनामुषसामन्त्याऽऽयतीनां प्रथमा व्युच्छन्ती जीवमुदीरयन्ती कञ्चन मृतमिवापि बोधयन्ती सती पाथोऽन्वेति तथैव त्वं पतिव्रता भव ॥ ८ ॥

Word-Meaning: - (परायतीनाम्) पूर्वं गतानाम् (अनु) (एति) पुनः प्राप्नोति (पाथः) अन्तरिक्षमार्गम् (आयतीनाम्) आगामिनीनामुषसाम् (प्रथमा) विस्तृतादिमा (शश्वतीनाम्) प्रवाहरूपेणानादीनाम् (व्युच्छन्ती) तमो नाशयन्ती (जीवम्) प्राणधारिणम् (उदीरयन्ती) कर्मसु प्रवर्त्तयन्ती (उषाः) दिननिमित्तः प्रकाशः (मृतम्) मृतमिव सुप्तम् (कम्) (चन) प्राणिनम् (बोधयन्ती) जागरयन्ती ॥ ८ ॥
Connotation: - अत्र वाचकलुप्तोपमालङ्कारः। सौभाग्यमिच्छन्त्यः स्त्रिय उषर्वदतीतानागतवर्त्तमानानां साध्वीनां पतिव्रतानां शाश्वतं धर्ममाश्रित्य स्वस्वपतीन् सुखयन्त्यः सुशोभमानाः सन्तानान्युत्पाद्य परिपाल्य विद्यासुशिक्षा बोधयन्त्यः सततमानन्दयेयुः ॥ ८ ॥
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MATA SAVITA JOSHI

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Connotation: - या मंत्रात वाचकलुप्तोपमालंकार आहे. सौभाग्य इच्छिणाऱ्या स्त्रिया उषेप्रमाणे भूत, भविष्य, वर्तमानकाळी उत्तम शीलवान पतिव्रता, सनातन वेदोक्त धर्माचा आश्रय घेऊन आपापल्या पतींना सुखी करतात. त्यांनी सुशोभित होऊन संतानांना उत्पन्न करावे. त्यांचे पालन करून त्यांना सत्यविद्या व उत्तम शिक्षणाचा बोध करवून सदैव आनंद प्राप्त करावा. ॥ ८ ॥