Go To Mantra

नरा॒शंसं॑ वा॒जिनं॑ वा॒जय॑न्नि॒ह क्ष॒यद्वी॑रं पू॒षणं॑ सु॒म्नैरी॑महे। रथं॒ न दु॒र्गाद्व॑सवः सुदानवो॒ विश्व॑स्मान्नो॒ अंह॑सो॒ निष्पि॑पर्तन ॥

English Transliteration

narāśaṁsaṁ vājinaṁ vājayann iha kṣayadvīram pūṣaṇaṁ sumnair īmahe | rathaṁ na durgād vasavaḥ sudānavo viśvasmān no aṁhaso niṣ pipartana ||

Mantra Audio
Pad Path

नरा॒शंस॑म्। वा॒जिन॑म्। वा॒जय॑न्। इ॒ह। क्ष॒यत्ऽवी॑रम्। पू॒षण॑म्। सु॒म्नैः। ई॒म॒हे॒। रथ॑म्। न। दुः॒ऽगात्। व॒स॒वः॒। सु॒ऽदा॒नवः॒। विश्व॑स्मात्। नः॒। अंह॑सः। निः। पि॒प॒र्त॒न॒ ॥ १.१०६.४

Rigveda » Mandal:1» Sukta:106» Mantra:4 | Ashtak:1» Adhyay:7» Varga:24» Mantra:4 | Mandal:1» Anuvak:16» Mantra:4


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उन कैसों को उपयोग में लावें, यह विषय अगले मन्त्र में कहा है ।

Word-Meaning: - हे विद्वान् ! जैसे (वाजयन्) उत्तमोत्तम पदार्थों के विशेष ज्ञान कराने वा युद्ध करानेहारे हम लोग (इह) इस सृष्टि में (सुम्नैः) सुखों से युक्त (नराशंसम्) मनुष्यों के प्रार्थना कराने योग्य विद्वान् को तथा (वाजिनम्) विशेष ज्ञान और युद्धविद्या में कुशल (क्षयद्वीरम्) जिसके शत्रुओं को काट करनेहारे वीर और जो (पूषणम्) शरीर वा आत्मा की पुष्टि करानेहारा है, उस सभाध्यक्ष को (ईमहे) प्राप्त होवें वैसे तू शुभगुणों की याचना कर। शेष मन्त्रार्थ प्रथम मन्त्र के तुल्य जानना चाहिये ॥ ४ ॥
Connotation: - हम लोग शुभ गुणों से युक्त सुखी मनुष्यों को मित्रता को प्राप्त होकर श्रेष्ठ यानयुक्त हुए शिल्पियों के समान दुःख से पार हों ॥ ४ ॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तान् कथं भूतानुपयुञ्जीरन्नित्युपदिश्यते ।

Anvay:

हे विद्वन् यथा वाजयन् वयमिह सुम्नैर्युक्तं नराशंसं वाजिनं क्षयद्वीरं पूषणं चेमहे तथा त्वं याचस्व। अन्यत् पूर्ववत् ॥ ४ ॥

Word-Meaning: - (नराशंसम्) नृभिराशंसितुं योग्यं विद्वांसम् (वाजिनम्) विज्ञानयुद्धविद्याकुशलम् (वाजयन्) विज्ञापयन्तो योधयन्तो वा। अत्र सुपां सुलुगिति जसः स्थाने सुः। (इह) अस्यां सृष्टौ (क्षयद्वीरम्) क्षयन्तः शत्रूणां नाशकर्त्तारो वीरा यस्य सेनाध्यक्षस्य तम् (पूषणम्) शरीरात्मनोः पोषयितारम् (सुम्नैः) सुखैर्युक्तम् (ईमहे) प्राप्नुयाम। अत्र बहुलं छन्दसीति श्यनो लुक्। (रथं, न०) इति पूर्ववत् ॥ ४ ॥
Connotation: - वयं शुभगुणयुक्तान् सुखिनो मनुष्यान् मित्रतया प्राप्य श्रेष्ठयानयुक्ताः शिल्पिन इव दुःखात्पारं गच्छेम ॥ ४ ॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - आम्ही शुभ गुणांनी युक्त सुखी माणसांशी मैत्री करून श्रेष्ठ यानयुक्त कारागिराप्रमाणे दुःखातून पार पडावे. ॥ ४ ॥