Go To Mantra

उ॒ग्रं व॑नि॒षदा॑ततम् ॥

Mantra Audio
Pad Path

उग्रम् । वनिषत् । आततम् ॥१३२.६॥

Atharvaveda » Kand:20» Sukta:132» Paryayah:0» Mantra:6


Reads times

PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI

परमात्मा के गुणों का उपदेश।

Word-Meaning: - (उग्रम्) दृढ़ और (आततम्) सब ओर फैला हुआ पदार्थ (वनिषत्) यह [मनुष्य] माँगे ॥६॥
Connotation: - परमात्मा ने यह सब बड़े लोक बनाये हैं। मनुष्य अपने हृदय को सदा बढ़ाता जावे, कभी संकुचित न करे ॥-७॥
Footnote: ६−(उग्रम्) दृढम् (वनिषत्) वनु याचने लिङर्थे लुङ्। परस्मैपदं च। अवनिष्ट, याचतां मनुष्यः (आततम्) समन्ताद् विस्तृतं पदार्थम् ॥