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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्य के लिये प्रयत्न का उपदेश।
Word-Meaning: - [वहाँ] (त्रयः) तीन [आध्यात्मिक, आधिभौतिक और आधिदैविक क्लेश रूप] (पृदाकवः) अजगर [बड़े साँप] (शृङ्गम्) (धमन्तः) सींग फूँकते हुए [बाजे के समान फुफकार मारते हुए] (परि) अलग (आसते) बैठते हैं ॥८-१०॥
Connotation: - जिस कुल में माता, पिता और आचार्य सुशिक्षक है, वहाँ सन्तान सदा सुखी रहते हैं, और जैसे अजगर साँप अपने श्वास से खैंचकर प्राणियों को खा जाते हैं, वैसे ही विद्वान् सन्तानों को तीनों क्लेश नहीं सताते हैं ॥७-१०॥
Footnote: १०−(शृङ्गम्) वाद्यविशेषं यथा, तथा श्वासशब्दम् (घञन्तः) ध्मा शब्दाग्निसंयोगयोः-शतृ। दीर्घश्वासेन शब्दयन्तः (आसते) उपविशन्ति ॥