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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्य के कर्तव्य का उपदेश।
Word-Meaning: - (च) जैसे (अप्रपाणा) बिन पनघटवाला (वेशन्ता) सरोवर है, [वैसे ही] (अप्रतिदिश्ययः) प्रतिदान का न करनेवाला (रेवान्) धनवान् और (अयभ्या) मैथुन के अयोग्य [रोग आदि से पीड़ित, सन्तान उत्पन्न करने में असमर्थ] (कल्याणी) सुन्दर (कन्या) कन्या है, (तोता) यह-यह कर्म (कल्पेषु) शास्त्रविधानों में (संमिता) प्रमाणित है ॥८॥
Connotation: - बिना पनघट के जल से भरा सरोवर, बिना प्रतिदान के बड़ा धनी, और बिना सन्तान उत्पन्न करने के रूपवती स्त्री निष्फल है ॥८॥
Footnote: ८−(अप्रपाणा) विभक्तेराकारः-पा० ७।१।३९। पानस्थानशून्यः, (च) उपमार्थे (वेशन्ता) सरोवरः। तडागः (रेवान्) धनवान् (अप्रतिदिश्ययः) दिश दाने-क्यप्+या प्रापणे-ड। अप्रतिदानप्रापकः (अयभ्या) पोरदुपधात्। पा० ३।१।९८। यभ मैथुने-यत्। अमैथुनयोग्या। रोगादिवशात् सन्तानोत्पादने असमर्था (कन्या) (कल्याणी) सुन्दरी। अन्यद् गतम् ॥