Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
मनुष्यों को कर्तव्य का उपदेश।
Word-Meaning: - (नः) हमारे लिये (वेप्यमाना) काँपती हुई (भूमिः) भूमि (शम्) शान्तिदायक, (च) और (यत्) जो कुछ (उल्का) उल्काओं से [रेखाकार आकाश से गिरते हुए तेजपुञ्जों, टूटते हुए तारों से] (निर्हतम्) नष्ट किया गया है, [वह] (शम्) शान्तिदायक [होवे]। (लोहितक्षीराः) रुधिरयुक्त दूध देनेवाली (गावः) गौएँ (शम्) शान्तिदायक [होवें] और (अव तीर्यतीः) धसकती हुई (भूमिः) भूमि (शम्) शान्तिदायक [होवे] ॥८॥
Connotation: - दूरदर्शी मनुष्य भूकम्प, तारे टूटने, रोग के कारण दूध बिगड़ने, दलदल से पृथिवी के बैठ जाने आदि विघ्नों से बचने का उपाय करके सुखी होवें ॥८॥
Footnote: ८−(शम्) शान्तिप्रदा (नः) अस्मभ्यम् (भूमिः) (वेप्यमाना) कम्पमाना (शम्) (उल्का) उल दाहे-क प्रत्ययः, विभक्तेर्डा। उल्काभिः। रेखाकारे गगनात् पतत्तेजःपुञ्जैः (निर्हतम्) विनष्टम् (च) (यत्) यत् किञ्चित् (शम्) (गावः) धेनवः (लोहितक्षीराः) रुधिरयुक्तदुग्धोपेताः (शम्) (भूमिः) (अवतीर्यतीः) तॄ प्लवनतरणयोः−शतृ, ङीप्। बहुवचनं छान्दसम्। अवतीर्यती। अवतीर्यमाणा जलबाहुल्येनाधोगमना ॥