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इन्द्रो॑ मेन्द्रि॒येणा॑वतु प्रा॒णाया॑पा॒नायायु॑षे॒ वर्च॑स॒ ओज॑से तेज॑से स्व॒स्तये॑ सुभू॒तये॒ स्वाहा॑ ॥

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इन्द्रः। मा। इन्द्रियेण। अवतु। प्राणाय। अपानाय। आयुषे। वर्चसे। ओजसे। तेजसे। स्वस्तये। सुऽभूतये। स्वाहा ॥४५.७॥

Atharvaveda » Kand:19» Sukta:45» Paryayah:0» Mantra:7


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PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI

ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

Word-Meaning: - (इन्द्रः) इन्द्र [परम ऐश्वर्यवान् जगदीश्वर] (मा) मुझे (इन्द्रियेण) इन्द्र के चिह्न [परम ऐश्वर्य] के साथ (अवतु) बचावे, (प्राणाय) प्राण के लिये....... [म०६] ॥७॥
Connotation: - मन्त्र ६ के समान है ॥७॥
Footnote: ७−(इन्द्रः) परमैश्वर्यवान् जगदीश्वरः (इन्द्रियेण) इन्द्रियमिन्द्रलिङ्ग०। पा०५।२।९३। इन्द्र-घच्। इन्द्रलिङ्गेन। इन्द्रत्वेन। परमैश्वर्येण। अन्यत् पूर्ववत् ॥