Reads times
PANDIT KSHEMKARANDAS TRIVEDI
सबकी रक्षा का उपदेश।
Word-Meaning: - (न) न तो (त्वा) तुझसे (पूर्वाः) पहिली और (न) न (त्वा) तुझसे (याः) जो (नवाः) नवीन (ओषधयः) ओषधें हैं, (तरन्ति) वे बढ़कर हैं। (जङ्गिडः) जङ्गिड [संचारक औषध] (विबाधः) [रोगों का] विशेष रोकनेवाला, (उग्रः) उग्र (परिपाणः) सर्वथा रक्षक और (सुमङ्गलः) बड़ा मङ्गलकारी है ॥७॥
Connotation: - जङ्गिड औषध सब औषधों में श्रेष्ठ और बड़ा स्वास्थ्यकारक है ॥७॥
Footnote: ७−(न) निषेधे (त्वा) (पूर्वाः) आद्याः (न) (त्वा) (तरन्ति) अभिभवन्ति (याः) ओषधयः (नवाः) नूतनाः (विबाधः) विशेषेण बाधकः (उग्रः) प्रचण्डः (जङ्गिडः) म०१। संचारक औषधविशेषः (परिपाणः) सर्वतो रक्षकः (सुमङ्गलः) बहुमङ्गलकरः ॥