वानस्पत्या ग्रावाणो घोषमक्रत हविष्कृण्वन्तः परिवत्सरीणम्। एकाष्टके सुप्रजसः सुवीरा वयं स्याम पतयो रयीणाम् ॥
अथर्ववेद में एकाष्टका के 1 संदर्भ मिले
वानस्पत्या ग्रावाणो घोषमक्रत हविष्कृण्वन्तः परिवत्सरीणम्। एकाष्टके सुप्रजसः सुवीरा वयं स्याम पतयो रयीणाम् ॥
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