देवता : इळ: ऋषि : मेधातिथिः काण्वः छन्द : गायत्री स्वर : षड्जः अग्ने सुखतमे रथे देवाँ ईळित आ वह। असि होता मनुर्हितः॥ Rigveda/1/13/4