वांछित मन्त्र चुनें

श॒तं वा॒ भार॑ती॒ शवः॑ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

शतम् । वा । भारती । शव: ॥१३१.४॥

अथर्ववेद » काण्ड:20» सूक्त:131» पर्यायः:0» मन्त्र:4


बार पढ़ा गया

पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (शतम्) सौ (भारती) पोषण करनेवाली विद्याएँ (वा) और (शवः) बल हैं ॥४॥
भावार्थभाषाः - मनुष्य पूर्वज विद्वानों के समान विघ्नों को हटाकर अनेक प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त करें ॥१-॥
टिप्पणी: ४−(शतम्) बहु (वा) चार्थे (भारती) अथ० ।१२।८। डुभृञ् धारणपोषणयोः-अतच्, स्वार्थे अण्, ङीप्, बहुवचनस्यैकवचनम्। भारती वाक्-निघ० १।११। भारत्यः। विद्याः (शवः) शवांसि बलानि ॥