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इ॒दं मह्यं॒ मदू॒रिति॑ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

इदम् । मह्यम् । मदू: । इति ॥१३१.१०॥

अथर्ववेद » काण्ड:20» सूक्त:131» पर्यायः:0» मन्त्र:10


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पण्डित क्षेमकरणदास त्रिवेदी

ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

पदार्थान्वयभाषाः - (इदम्) यह [वचन] (मह्यम्) मेरे लिये (मदूः) आनन्द देनेवाली नीति है−(इति) यह निश्चय है ॥१०॥
भावार्थभाषाः - सब मनुष्य और स्त्रियाँ सदा उपकार करके क्लेशों से बचें और परस्पर प्रीति से रहें ॥६-११॥
टिप्पणी: १०−(इदम्) वचनम् (मह्यम्) मनुष्याय (मदूः) कृषिचमि०। उ० १।८०। मदी हर्षे-ऊप्रत्ययः। हर्षकरी नीतिः (इति) अवधारणे ॥